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  • महागणपति चतुरावृत्ति तर्पण

    महागणपति पूजा और हवन हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण अनुष्ठान हैं, जो भगवान गणेश, बाधाओं को दूर करने वाले और ज्ञान और समृद्धि के देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। महागणपति चतुरावृत्ति तर्पण में 444 बार महागणपती का द्रव्यों द्वारा तर्पण किया जाता है। पूरी प्रक्रिया में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लगता है। महागणपति तर्पण का महत्व: शस्त्रों के अनुसार भगवान गणपति को तर्पण प्रिय है, भगवती को अर्चन प्रिय है, नारायण को स्तुति प्रिय है, सूर्य को नमस्कार प्रिय है, और भगवान शिव को अभिषेक प्रिय है। महागणपति चतुरावृत्ति तर्पण के लाभ आयुरारोग्यमैश्वर्य बलं पुष्टिर्महद्यशः। कवित्वं भुक्तिमुक्ती च चतुरावृत्तितपंणात् ।। अर्थात - आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य, बल, पुष्टि, बहुत सा यश, कवित्व, भोग, मोक्ष, महागणपति के तर्पण से प्राप्त होता है। महागणपति चतुरावृत्ति तर्पण कौन कर सकता है: महागणपति तर्पण श्रीविद्या तंत्र के अंतर्गत एक विशिष्ट विधि है। जिस साधक ने किसी योग्य गुरु से महागणपति की दीक्षा ली हो और उसके पश्चात कम से कम चार लाख जप तत्पश्चात हवन, तर्पण, मार्जन, एवं ब्राह्मण भोज का एक पुरश्चरण किया हो। महागणपति तर्पण के लिए शुभ दिन या वार कौन सा है? महागणपति तर्पण के लिए बुधवार एवं चतुर्थी तिथि श्रेष्ठ हैं। इसके अतिरिक्त किसी भी शुभ कार्य के प्रारंभ मैं, घर, दुकान, प्रतिष्ठान के मुहूर्त मैं, या विशेष पर्व पर गणेश जी की कृपा प्राप्ति के लिए कराया जा सकता है। क्या आपको व्यक्तिगत रूप से भाग लेने की आवश्यकता है? नहीं। योग्य साधकों की कमी और मंत्रों के गोपनीय होने के कारण श्री शक्ति साधना केन्द्र द्वारा यह सेवा अभी दूरस्थ विधि (remotely) द्वारा ही प्रदान की जा रही है। आपके नाम और गोत्र से आपके लिए संकल्प लिया जाएगा। पूजा पूर्ण होने के पश्चात आपको WhatsApp द्वारा आपके नाम से लिए संकल्प की clip भेज दी जाएगी। आप Zoom App के माध्यम से पूजा के समय live भी जुड़ सकते हैं।

  • महाकाल भैरव हवन

    महाकाल भैरव की पूजा और हवन करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति, नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। यह पूजा विशेष रूप से भय निवारण, शत्रु बाधा से मुक्ति और आत्मबल बढ़ाने के लिए की जाती है। महाकाल भैरव पूजा और हवन के लाभ - नकारात्मक शक्तियों से रक्षा: यह पूजा व्यक्ति को बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने में मदद करती है। - शत्रु नाश और बाधा निवारण: महाकाल भैरव की उपासना से शत्रुओं से रक्षा होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। - आत्मबल और साहस: यह पूजा व्यक्ति में आत्मविश्वास और साहस बढ़ाने में सहायक होती है। - संकट निवारण: जीवन में आने वाले संकटों और कठिनाइयों को दूर करने में मदद करती है। - सिद्धि प्राप्ति: विशेष मंत्रों के जाप और हवन से साधक को आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं। महाकाल भैरव की पूजा विशेष रूप से कालाष्टमी, शनिवार, और रविवार को करने से अधिक प्रभावी होती है। इस पूजा को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति को निर्भयता और सफलता प्राप्त होती है।

  • श्री ललिता सहस्रनाम अर्चन

    श्री ललिता सहस्रनाम ब्रह्मांड पुराण में वर्णित राजराजेश्वरी देवी श्री ललिता महात्रिपुरसुंदरी के एक हजार नाम हैं जिसे स्वयं वाग्देवियों ने लिखा है और सर्वप्रथम विष्णु जी के अवतार हयग्रीव ने अगस्त्य ऋषि को इसका उपदेश किया। यह स्तोत्र देवी के विभिन्न गुणों, शक्तियों और स्वरूपों का वर्णन करता है। हिन्दू धर्म में देवी देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके नाम का जप और स्मरण विशेष महत्व रखता है। इसीलिए हमारे शस्त्रों में देवी देवताओं के शतनाम, त्रिशती और सहस्रनाम आदि के पाठ का बहुत महत्व है। श्री ललिता सहस्रनाम का पाठ और उन नामों के द्वारा देवी का अर्चन देवी को विशेष रूप से प्रिय हैं। ऐसा माना जाता है कि श्री ललिता सहस्रनाम का पाठ करने से भक्तों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। इसके पाठ से आध्यात्मिक बाधाएं दूर होती हैं और भौतिक जीवन में भी सफलता, समृद्धि और खुशियां आती हैं। इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं – सभी प्रकार के धन, ऐश्वर्य, एवं समृद्धि; सभी रोगों से मुक्ति एवं अच्छे स्वास्थ्य; अकाल मृत्यु से रक्षा; लंबी आयु की प्राप्ति; संतान की प्राप्ति; पुरुषार्थ की प्राप्ति; ग्रहों के दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए, विद्या, वाकसिद्धि और सम्मोहन शक्ति की प्राप्ति; श्री देवी की कृपा प्राप्ति, मोक्ष, आदि श्री ललिता सहस्रनाम के पाठ के लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए ब्रह्मांड पुराण के उत्तर खंड के तृतीय अध्याय मैं वर्णित फलश्रुति को पढ़ें। श्री ललिता सहस्रनाम अर्चन कौन कर सकता है: श्री ललिता त्रिपुरसुंदरी देवी (षोडशी) श्री विद्या की मुख्य देवी हैं। जिस साधक ने किसी योग्य गुरु से श्री विद्या की दीक्षा ली हो और उनके मंत्र का पुरश्चरण किया हो वही ये करने के योग्य है। श्री ललिता सहस्रनाम अर्चन के लिए शुभ दिन या वार कौन सा है? श्री ललिता सहस्रनाम का पाठ अथवा अर्चन संक्रांति, विषुव, अपने जन्म दिवस पर, नवमी, महानवमी, चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष के शुक्रवार, और विशेष रूप से पूर्णिमा को अवश्य ही करना चाहिए। क्या आपको व्यक्तिगत रूप से भाग लेने की आवश्यकता है? नहीं। योग्य साधकों की कमी और मंत्रों के गोपनीय होने के कारण श्री शक्ति साधना केन्द्र द्वारा यह सेवा अभी दूरस्थ विधि (remotely) द्वारा ही प्रदान की जा रही है। आपके नाम और गोत्र से आपके लिए संकल्प लिया जाएगा। पूजा पूर्ण होने के पश्चात आपको WhatsApp द्वारा आपके नाम से लिए संकल्प की clip भेज दी जाएगी। आप Zoom App के माध्यम से पूजा के समय पर live भी जुड़ सकते हैं।

  • श्रीचक्र नवावरण पूजा

    श्रीचक्र नवावरण पूजा और हवन हिंदू शाक्त परंपरा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसके द्वारा साधक देवी की अनंत शक्ति और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ते हैं। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार, आत्मज्ञान की वृद्धि और समर्पित आध्यात्मिक प्रसार करना है। मुख्य लाभ इस प्रकार हैं: - आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान: पूजा के दौरान उच्चारित मंत्रों और हवन के माध्यम से साधक का मन शांत होता है, जिससे उसकी चेतना उच्चतर आयामों में प्रवाहित होती है। यह आत्मज्ञान और आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। - सकारात्मक ऊर्जा का संचार: हवन और विशेष मंत्रजाप से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो नकारात्मक प्रभावों, अशुभ विचारों, और बाधाओं को दूर करता है। इस प्रक्रिया से जीवन में ऊर्जा संतुलित होती है और सम्पूर्ण वातावरण स्वच्छ एवं प्रेरणादायक बन जाता है। - मानसिक शांति और स्थिरता: नियमित रूप से श्रीचक्र नवावरण पूजा करने से मानसिक तनाव और चिंता में कमी आती है। यह आंतरिक शांति प्रदान करती है तथा ध्यान तथा समाधि में सहायता करती है, जिससे मनोवैज्ञानिक स्थिरता हासिल होती है। - आर्थिक समृद्धि और वैभव: इस पूजा के माध्यम से देवी के आशीर्वाद से धन-संपदा और व्यवसाय में प्रगति के लाभ प्राप्त किए जाते हैं। माना जाता है कि पूजा से आर्थिक स्थिरता और वैभव के स्त्रोतों में वृधि होती है। - शत्रु निवारण एवं बाधा मुक्त जीवन: हवन के दौरान उत्पन्न ऊर्जा नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओं पर नियंत्रण रखती है। इससे जीवन में आने वाली बाधाओं और विघ्नों का निवारण होता है और व्यक्ति निर्भय होकर अपने कार्यों में अग्रसर हो पाता है। - दिव्य आशीर्वाद का संचार: श्रीचक्र के माध्यम से देवी का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो समग्र जीवन क्षेत्रों में सफलता, प्रेम, और सौभाग्य का अनुभव कराता है। पूजा में प्रयुक्त मंत्र, यंत्र, और हवन सामग्री की शुद्धता एवं विधिपूर्वक पालन से साधक को इन लाभों का सम्पूर्ण अनुभव होता है। श्रद्धा और समर्पण के साथ इस अनुष्ठान को करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और आध्यात्मिक संतुलन स्थापित होता है। क्या आप इस पूजा में प्रयुक्त विधि, मंत्रों, या हवन सामग्री के बारे में और विस्तृत जानकारी चाहते हैं?

  • दक्षिणा काली हवन

    दक्षिण काली की पूजा और हवन करने से कई आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह पूजा विशेष रूप से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने, आर्थिक समृद्धि बढ़ाने और जीवन में सुरक्षा प्रदान करने के लिए की जाती है। **दक्षिण काली पूजा और हवन के लाभ:** - **नकारात्मक शक्तियों से रक्षा:** यह पूजा व्यक्ति को बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने में मदद करती है। - **आर्थिक समृद्धि:** दक्षिण काली की उपासना से धन की प्रचुरता और वर्षभर समृद्धि प्राप्त होती है। - **शत्रु नाश और बाधा निवारण:** यह साधना शत्रुओं से रक्षा करने और जीवन की बाधाओं को दूर करने में सहायक होती है। - **आत्मबल और साहस:** दक्षिण काली की पूजा से व्यक्ति में आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है। - **सिद्धि प्राप्ति:** विशेष मंत्रों के जाप और हवन से साधक को आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं।

  • महालक्ष्मी पूजा एवं हवन

    महालक्ष्मी पूजा और हवन दो ऐसे धार्मिक अनुष्ठान हैं जो न केवल आध्यात्मिक स्तर पर शांति और संतुलन का निर्माण करते हैं, बल्कि दैनिक जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और मनोबल भी बढ़ाते हैं। महालक्ष्मी पूजा के लाभ - आर्थिक समृद्धि: देवी महालक्ष्मी को धन, संपत्ति और आर्थिक वृद्धि की देवी माना जाता है। पूजा के दौरान सही विधि और पूरे श्रद्धा भाव से की गई आरती, मंत्रों और अनुष्ठानों से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे वित्तीय समस्याओं में आसानी और समृद्धि आती है। - मानसिक शांति और संतुलन: पूजा करते समय मन का एकाग्र होना और ध्यान लगाना आंतरिक शांति का स्रोत बनता है। इससे मानसिक तनाव दूर होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जो नए अवसरों और सफलता के द्वार खोलती है। - पारिवारिक सुख-शांति: महालक्ष्मी पूजा घर के वातावरण में सौहार्द, प्रेम और सामंजस्य बनाए रखती है। यह अनुष्ठान परिवार के सदस्य के बीच एकजुटता को बढ़ावा देता है और नकारात्मकता को दूर करता है। - बाधाओं का निवारण: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महालक्ष्मी पूजा से घर में अगर किसी प्रकार की विघ्न या नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है तो उसका नाश होता है। इससे घर और कार्यस्थल में सकारात्मक वातावरण बना रहता है. हवन के लाभ - पर्यावरण शुद्धिकरण: हवन में जलाने वाली नैसर्गिक सामग्री जैसे- सामगंधी चूर्ण, घी, सुपारी आदि से उत्पन्न धुएँ में शुद्धिकरण की क्षमता होती है। यह पर्यावरण से नकारात्मक ऊर्जा, अशुद्धि और रोगजनक गतिविधियों को दूर करता है। - ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार: हवन के दौरान उत्पन्न होने वाली ध्वनि तरंगें (मंत्रों के उच्चारण से) वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलाई जाती हैं, जिससे मन और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। इससे तनाव कम होता है और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है। - स्वास्थ्य लाभ: हवन में प्रयुक्त प्राकृतिक आहार्य सामग्री व धूप-धुएं की ऊर्जा से वातावरण में जीवाणुओं और अन्य अशुद्धियों का नाश होता है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। - आध्यात्मिक उन्नति: हवन के अनुष्ठान में अग्नि के माध्यम से देवताओं का आह्वान किया जाता है। इस दिव्य ऊर्जा से मन में विश्वास और आस्था बढ़ती है, साथ ही आत्मिक उन्नति और ध्यान में भी सुधार होता है. अंतिम विचार जब महालक्ष्मी पूजा और हवन को सच्ची श्रद्धा और उचित विधि के साथ किया जाता है, तो यह आपके घर में समृद्धि, सौभाग्य और शांति का वातावरण स्थापित करता है। इन अनुष्ठानों के नियमित पालन से न केवल आर्थिक और भौतिक समृद्धि आती है, बल्कि मानसिक शांति, स्वास्थ्य और परिवारिक सहयोग भी बढ़ता है। साथ ही, ये अनुष्ठान आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं जिससे जीवन में आने वाली चुनौतियाँ धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सामना की जा सकती हैं

  • सांब सदाशिव हवन

    सांब सदाशिव पूजा और हवन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। यह पूजा आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक होती है। सांब सदाशिव पूजा और हवन के लाभ: - आध्यात्मिक उन्नति: इस पूजा से साधक को आत्मज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। - मानसिक शांति: यह पूजा तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करती है। - स्वास्थ्य लाभ: सांब सदाशिव मंत्र का जाप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. - संकट निवारण: जीवन में आने वाली बाधाओं और संकटों को दूर करने में सहायक होती है. - सुख-समृद्धि: यह पूजा धन, वैभव और सफलता को आकर्षित करने में मदद करती है

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